Banaras Locomotive Works

Banaras Locomotive Works: वाराणसी बन रहा है रेलवे लोकोमोटिव निर्यात केंद्र

Banaras Locomotive Works: बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (बी एल डब्लू )द्वारा स्वदेशी निर्मित 3300 हॉर्स पावर ए सी डीजल इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की छठी इकाई मोजाम्बिक के लिये किया रवाना

  • बी एल डब्लू द्वारा अभी तक यू के, इटली, फ्रांस, म्यांमार, जर्मनी आदि देशों को लोकोमोटिव का किया गया है निर्यात

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 17 दिसम्बर:
Banaras Locomotive Works: बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (बी एल डब्ल्यू) ने एक बार फिर लोकोमोटिव निर्माण के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का परचम लहराया है। बीएलडब्ल्यू द्वारा स्वदेशी रूप से निर्मित 3300 हॉर्स पावर एसी–एसी डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की छठी इकाई मोज़ाम्बिक के लिए सफलतापूर्वक रवाना की गई।

एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में, बीएलडब्ल्यू को मोज़ाम्बिक के लिए 3300 हॉर्स पावर एसी–एसी डीजल-इलेक्ट्रिक के कुल 10 लोकोमोटिव के निर्यात का ऑर्डर प्राप्त हुआ है। इन लोकोमोटिव की आपूर्ति एम/एस राइट्स (RITES) के माध्यम से की जा रही है, जिसके तहत 10 लोकोमोटिव के निर्माण और निर्यात का अनुबंध किया गया है।

पहले दो लोकोमोटिव जून 2025 में भेजे गए थे। इसके बाद तीसरा सितंबर, चौथा अक्टूबर में और पांचवां लोकोमोटिव 12 दिसंबर को प्रेषित किया गया। छठा लोकोमोटिव 15 दिसंबर को रवाना किया गया। यह निर्यात वैश्विक स्तर पर लोकोमोटिव निर्माण में भारत की बढ़ती क्षमता को दर्शाता है।

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बीएलडब्ल्यू द्वारा निर्मित ये अत्याधुनिक 3300 हॉर्स पावर के केप गेज (1067 मिमी) लोकोमोटिव 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति से संचालन में सक्षम हैं। इनमें अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप चालक-अनुकूल सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं, जिनमें रेफ्रिजरेटर, हॉट प्लेट, मोबाइल होल्डर तथा आधुनिक कैब डिज़ाइन शामिल हैं, जो चालक के आराम और परिचालन दक्षता को सुनिश्चित करती हैं।भारतीय रेलवे के अंतर्गत आने वाला सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम बीएलडब्ल्यू, वाराणसी स्थित है और लोकोमोटिव निर्माण के क्षेत्र में एक प्रमुख निर्यात केंद्र के रूप में उभर रहा है।

स्वदेशी डिज़ाइन और उन्नत रेलवे तकनीक के निर्माण में अपनी विशेषज्ञता के माध्यम से बीएलडब्ल्यू वैश्विक रेलवे बाजार में भारत की उपस्थिति को सशक्त बना रहा है। वर्ष 2014 से अब तक बीएलडब्ल्यू श्रीलंका, म्यांमार और मोज़ाम्बिक जैसे देशों को लोकोमोटिव का निर्यात कर चुका है, जिससे वहां की रेलवे प्रणालियों के विकास को समर्थन मिला है।

Banaras Locomotive Works: मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड की परिकल्पना के अनुरूप, ये निर्यात विभिन्न देशों में प्रचलित अलग-अलग गेज प्रणालियों के लिए रोलिंग स्टॉक के डिज़ाइन, निर्माण और आपूर्ति की भारतीय रेलवे की क्षमता को प्रदर्शित करते हैं। ऐसे प्रयासों के माध्यम से भारतीय रेलवे साझेदार देशों के रेलवे अवसंरचना के उन्नयन में सहयोग कर रहा है, साथ ही विश्वसनीय रेलवे उपकरण निर्यातक के रूप में भारत की स्थिति को भी मजबूत कर रहा है।

अब तक भारत ने यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, स्पेन, जर्मनी और इटली जैसे यूरोपीय देशों को मेट्रो कोच, बोगियां, यात्री कोच, लोकोमोटिव और अन्य महत्वपूर्ण रेलवे उपकरणों का निर्यात किया है। अफ्रीका में मोज़ाम्बिक, रिपब्लिक ऑफ गिनी, दक्षिण अफ्रीका आदि देश शामिल हैं। इसके अलावा म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और मेक्सिको जैसे देशों को भी रेलवे उपकरणों का निर्यात किया गया है।

लोकोमोटिव निर्यात के क्षेत्र में बीएलडब्ल्यू की यह उपलब्धि भारत की बढ़ती तकनीकी आत्मनिर्भरता और वैश्विक रेलवे उपकरण बाजार में इसके विस्तारित प्रभाव को दर्शाती है।

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