RJT Mock Drill: राजकोट रेल मंडल ने सुरेंद्रनगर में हाई-इंटेंसिटी मॉक ड्रिल कर परखी आपदा तैयारी
RJT Mock Drill: मालगाड़ी–कोच टक्कर की परिकल्पित दुर्घटना में 12 कर्मियों के बचाव का सफल अभ्यास

राजकोट, 19 नवम्बर: RJT Mock Drill: राजकोट रेल मंडल द्वारा आज सुरेंद्रनगर स्टेशन पर आपदा एवं दुर्घटना प्रबंधन तैयारियों का आकलन करने हेतु एक व्यापक मॉक ड्रिल का सफल आयोजन किया गया। इस संयुक्त अभ्यास में एनडीआरएफ, रेलवे अधिकारियों, सिविल प्रशासन, फायर ब्रिगेड, स्थानीय पुलिस, आरपीएफ तथा राज्य सरकार की जिला आपदा प्रबंधन टीमों ने सक्रिय सहभागिता की।
ड्रिल के दौरान प्रातः लगभग 08.30 बजे एक परिकल्पित दुर्घटना के तहत यह स्थिति बनाई गई कि न्यारा एनर्जी प्रा. लि. साइडिंग से रतलाम मंडल स्थित हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन साइडिंग जा रही एक मालगाड़ी की सुरेंद्रनगर यार्ड की लाइन संख्या 8 पर खड़े एक कैंपिंग कोच से अचानक टक्कर हो गई। इस टक्कर के परिणामस्वरूप कोच के चार पहिए पटरी से उतर गए और उसमें मौजूद 12 रेलवे कर्मियों को गंभीर चोटें आने की स्थिति दर्शाई गई।
घटना की जानकारी मिलते ही राजकोट से एक्सिडेंट रिलीफ़ मेडिकल इक्विपमेंट (ARME) तथा एक्सिडेंट रिलीफ़ ट्रेन (ART) तुरंत सुरेंद्रनगर भेजी गई। साथ ही रेलवे अधिकारियों, सिविल प्रशासन, एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, स्थानीय पुलिस, आरपीएफ, जिला आपदा प्रबंधन दल तथा निकटस्थ अस्पतालों को सूचित कर राहत कार्यों की रूपरेखा सक्रिय कर दी गई।
साइट पर प्राथमिक उपचार हेतु टेंट स्थापित किए गए, यूनिफाइड कमांड सेंटर बनाया गया तथा सहायता/सूचना हेतु हेल्पलाइन बूथ भी संचालित किए गए। डिवीजनल रेलवे मैनेजर गिरिराज कुमार मीना, वरिष्ठ मंडल सुरक्षा अधिकारी एन.आर. मीणा, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुनील कुमार मीना तथा NDRF के वरिष्ठ अधिकारी अनुपम के मार्गदर्शन में संयुक्त रेस्क्यू योजना पर कार्य किया गया।

रेलवे एवं NDRF की टीमों ने समन्वित कार्रवाई करते हुए कोच को काटकर सभी 12 ‘घायल’ कर्मियों को स्ट्रेचर की सहायता से सुरक्षित बाहर निकाला और एंबुलेंस तक पहुँचाया। वास्तविक जैसी इस स्थिति को देखकर स्थानीय लोग आश्चर्यचकित रह गए। दोपहर लगभग 11.33 बजे पूरी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूर्ण घोषित करते हुए इसे मॉक ड्रिल बताया गया।
अभ्यास का मुख्य उद्देश्य विभिन्न विभागों की आपातकालीन तैयारी, त्वरित प्रतिक्रिया, आपसी समन्वय तथा राहत कार्यों की प्रभावशीलता का परीक्षण करना था। ड्रिल के दौरान घायलों की निकासी, प्राथमिक उपचार, भीड़ नियंत्रण, संचार व्यवस्था, संरक्षा उपाय तथा राहत गतिविधियों का विस्तृत अनुकरण किया गया।
अभ्यास के उपरांत समीक्षा बैठक में संरक्षा और आपदा प्रबंधन से संबंधित सुधार बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इस संयुक्त अभ्यास में रेलवे के ऑपरेटिंग, सेफ्टी, इलेक्ट्रिकल, इंजीनियरिंग, सिग्नल एवं टेलीकॉम, मैकेनिकल, सुरक्षा, वाणिज्यिक, मेडिकल विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों सहित NDRF, पुलिस, मेडिकल एवं सिविल प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए।


