WR 75th Foundation Day: राजकोट मंडल के स्टेशन भवन जगमगाए रंग-बिरंगी रोशनी से
पश्चिम रेलवे ने मनाया 75वां स्थापना दिवस (WR 75th Foundation Day) – राजकोट मंडल के स्टेशन भवन जगमगाए रंग-बिरंगी रोशनी से

राजकोट, 05 नवम्बर: WR 75th Foundation Day: आज पश्चिम रेलवे ने अपना 75वां स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया। राष्ट्र की सेवा में अपनी गौरवपूर्ण यात्रा के 70 से अधिक वर्षों में पश्चिम रेलवे ने अनेक उपलब्धियाँ हासिल की हैं और देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
इस अवसर पर (WR 75th Foundation Day) राजकोट मंडल के राजकोट, मोरबी, सुरेन्द्रनगर, हापा, द्वारका एवं ओखा स्टेशन भवनों को रंग-बिरंगी रोशनी से सुसज्जित किया गया, जिससे उत्सव का वातावरण छा गया।

पश्चिम रेलवे की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि अत्यंत समृद्ध रही है। बॉम्बे, बड़ौदा और सेंट्रल इंडिया रेलवे कंपनी (BB & CI) की स्थापना वर्ष 1855 में हुई थी। इसकी शुरुआत गुजरात राज्य के पश्चिमी तट पर अंकलेश्वर से उत्राण (सूरत) तक 29 मील ब्रॉड गेज ट्रैक के निर्माण से हुई थी। उसी वर्ष 21 नवम्बर, 1855 को कंपनी ने ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ सूरत से बड़ौदा और अहमदाबाद तक रेलवे लाइन निर्माण हेतु समझौता किया। इसके साथ ही उत्राण से तत्कालीन बॉम्बे तक कपास आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु एक और अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए।
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अगले वर्ष इस लाइन का कार्य प्रारंभ हुआ और 28 नवम्बर, 1864 को उत्राण से बॉम्बे (ग्रांट रोड स्टेशन) तक रेल लाइन को औपचारिक रूप से खोला गया, जिससे मुंबई में पश्चिमी रेलवे लाइन की शुरुआत हुई।
अपने वर्तमान स्वरूप में पश्चिम रेलवे का गठन 5 नवम्बर, 1951 को हुआ, जब तत्कालीन बॉम्बे, बड़ौदा और सेंट्रल इंडिया रेलवे (BB & CI) का विलय सौराष्ट्र, राजपुताना और जयपुर राज्य रेलों के साथ किया गया। 1850 के दशक में अपनी स्थापना के बाद से पश्चिम रेलवे ने अपनी उत्कृष्टता, दक्षता और सेवा भावना के साथ भारतीय रेल नेटवर्क में विशिष्ट स्थान बनाया है।


