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Rajkot Railway Division Important Initiative: राजकोट रेल मंडल द्वारा ऊर्जा संरक्षण एवं पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में महत्वपूर्ण पहल

Rajkot Railway Division Important Initiative: ऊर्जा दक्षता उपायों से राजकोट मंडल ने की ₹24.20 लाख की उल्लेखनीय बचत

राजकोट, 19 अक्टूबर: Rajkot Railway Division Important Initiative: पश्चिम रेलवे के राजकोट मंडल द्वारा ऊर्जा संरक्षण और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई प्रभावी एवं अभिनव कदम उठाए जा रहे हैं। मंडल अपने नेटवर्क में बिजली की खपत कम करने, परिचालन दक्षता बढ़ाने तथा पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों को अपनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। ये पहल भारतीय रेल की हरित एवं सतत विकास नीति के अनुरूप हैं और एक स्वच्छ, हरित भविष्य के प्रति मंडल की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

राजकोट मंडल के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ऊर्जा दक्षता को बढ़ाने की दिशा में कुल 1389 KWp क्षमता के रूफटॉप सोलर पावर प्लांट मंडल के विभिन्न स्टेशनों एवं सेवा भवनों पर स्थापित किए गए हैं। वर्ष 2025-26 (अप्रैल से सितंबर) के दौरान इन संयंत्रों से 3,77,432 यूनिट (KWH) सौर ऊर्जा का उत्पादन हुआ, जिससे लगभग ₹24.20 लाख की बचत हुई है।

ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में तकनीकी सुधार के तहत मंडल में 2,710 ऊर्जा-कुशल ब्रशलेस डायरेक्ट करंट (BLDC) पंखे लगाए गए हैं, जो पारंपरिक पंखों की तुलना में लगभग 40% कम बिजली का उपयोग करते हैं। इसके साथ ही, स्टेशनों, कार्यालयों और सेवा भवनों में 39,850 से अधिक एलईडी फिटिंग्स लगाकर प्रकाश व्यवस्था को पूरी तरह ऊर्जा-कुशल बनाया गया है। इन प्रयासों से बिजली खपत और रखरखाव व्यय में उल्लेखनीय कमी आई है।

यात्रियों की सुविधा और ऊर्जा दक्षता को ध्यान में रखते हुए द्वारका, जामनगर, राजकोट भक्तिनगर, वांकानेर, सुरेन्द्रनगर और लखतर सहित प्रमुख स्टेशनों के वातानुकूलित प्रतीक्षालयों में स्टार-रेटेड इनवर्टर एसी यूनिट्स लगाए गए हैं। साथ ही यूएसबी टाइप मोबाइल चार्जिंग पॉइंट्स की व्यवस्था भी की गई है।

ऊर्जा प्रबंधन को और अधिक स्मार्ट बनाने के लिए मंडल के विभिन्न कार्यालयों और परिसरों में 130 से अधिक ऑक्यूपेंसी सेंसर लगाए गए हैं, जो मानवीय उपस्थिति का स्वतः पता लगाकर एयर-कंडीशनिंग एवं लाइटिंग सिस्टम को नियंत्रित करते हैं। इसके अतिरिक्त, 131 स्वचलित स्ट्रीट लाइट कंट्रोलिंग सिस्टम स्टेशनों और स्टाफ कॉलोनियों में स्थापित किए गए हैं, जिससे ऊर्जा की बर्बादी में उल्लेखनीय कमी आई है।

इन सतत और नवोन्मेषी पहलों के माध्यम से राजकोट मंडल भारतीय रेल में ऊर्जा संरक्षण और हरित प्रौद्योगिकी अपनाने का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। मंडल का यह प्रयास एक अधिक पर्यावरण-अनुकूल, टिकाऊ और ऊर्जा-कुशल भविष्य की दिशा में सार्थक कदम है।

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