MSME Seva Parv-2025 in Varanasi: वाराणसी में 28 से 30 सितंबर तक एमएसएमई सेवा पर्व-2025
MSME Seva Parv-2025 in Varanasi: वाराणसी में उद्यमिता, नवाचार और परंपरा को जोड़ने वाला विशेष कार्यक्रम
- MSME Seva Parv-2025 in Varanasi: इस कार्यक्रम में एमएसएमई योजनाओं के 1500 से अधिक लाभार्थियों के भाग लेने की उम्मीद है; स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी-सह-बिक्री 28 से 30 सितंबर 2025 तक आयोजित की जाएगी
- सामुदायिक सेवा और स्वच्छता को प्रोत्साहित करने के लिए कल नमो घाट पर स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा
- सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री ने महिला परिचर्चा सत्र के दौरान महिला उद्यमियों और महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ संवाद किया

नई दिल्ली, 27 सितम्बर: MSME Seva Parv-2025 in Varanasi: सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) 28-30 सितंबर 2025 के दौरान रुद्राक्ष अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र, वाराणसी, उत्तर प्रदेश में “एमएसएमई सेवा पर्व-2025: विरासत से विकास” मनाएगा। इस आयोजन का उद्देश्य समुदायों, संस्थाओं और व्यक्तियों को सेवा, सांस्कृतिक गौरव और हमारी विरासत के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक सामूहिक आंदोलन में एक साथ लाना है।
एमएसएमई सेवा पर्व 2025 की अध्यक्षता केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री जीतन राम मांझी करेंगे और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे 28 सितंबर 2025 को मुख्य अतिथि के रूप में इस अवसर की शोभा बढ़ाएँगी। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष मनोज कुमार, उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता और वाराणसी के मेयर अशोक कुमार तिवारी भी इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएँगे। केंद्रीय एमएसएमई मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी इस कार्यक्रम का हिस्सा होंगे।
इस कार्यक्रम (MSME Seva Parv-2025 in Varanasi) में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा, खादी एवं ग्रामोद्योग योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति केंद्र योजना आदि सहित एमएसएमई योजनाओं के 1500 से अधिक लाभार्थियों के भाग लेने की उम्मीद है। स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी-सह-बिक्री 28 से 30 सितंबर 2025 तक आयोजित की जाएगी। इसके अलावा, सामुदायिक सेवा और स्वच्छता को प्रोत्साहित करने के लिए 28 सितंबर को सुबह 7 बजे नमो घाट पर स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
सेवा पर्व 2025 में केवीआईसी और एनएसआईसी के बीच विपणन पर समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान, पीएमवी लाभार्थियों को ऋण प्रमाणपत्रों का वितरण, पीएमईजीपी लाभार्थियों को मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण और जीवीवाई लाभार्थियों को टूलकिट का वितरण भी शामिल होगा।
इस कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, आज महिला परिचर्चा सत्र का भी आयोजन किया गया, जहाँ महिला उद्यमियों और महिला स्वयं सहायता समूहों (डब्ल्यूएसएचजी) ने एमएसएमई राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे के साथ बातचीत की और अपने अनुभव भी साझा किए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर, 2023 को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का शुभारंभ किया था, जिसका उद्देश्य 18 व्यवसायों में पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को संपूर्ण सहायता प्रदान करना और उन्हें सफल उद्यमी बनाना है। यह योजना विश्वकर्माओं को मान्यता, कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन, ऋण सहायता, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता प्रदान करती है।
दो वर्षों की अवधि में, पीएम विश्वकर्मा ने तीन चरणों के सत्यापन के बाद 30 लाख लाभार्थियों को सफलतापूर्वक पंजीकृत किया है, जो इस योजना के लिए 100% पंजीकरण लक्ष्य है। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा एनएसडीसी के माध्यम से 23 लाख से अधिक विश्वकर्माओं को बुनियादी कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। 5 लाख विश्वकर्माओं को 5% की रियायती ब्याज दर पर 1 लाख रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की गई, जिसकी कुल राशि 4,331 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, भारतीय डाक ने उनके घर तक 8.33 लाख टूलकिट पहुँचाए हैं।
इसके अलावा, समावेशी विकास के लिए, प्रधानमंत्री द्वारा अक्टूबर 2016 में ‘राष्ट्रीय एससी-एसटी हब (एनएसएसएच) योजना’ शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य एससी-एसटी उद्यमियों की क्षमता को बढ़ाना और उन्हें एससी-एसटी एमएसई से 4% सार्वजनिक खरीद के अनिवार्य लक्ष्य को पूरा करने हेतु सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया में भाग लेने के लिए सशक्त बनाना था। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कौशल एवं क्षमता निर्माण, बाज़ार संपर्क, वित्तीय सुविधा, निविदा बोली में भागीदारी आदि कई पहल की गई हैं।
इस योजना से 1.5 लाख से ज़्यादा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग लाभान्वित हुए हैं। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के स्वामित्व वाले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) से सार्वजनिक खरीद में 36 गुना वृद्धि हुई है।
पिछले तीन वर्षों में खादी क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, खादी उत्पादन में 47% की वृद्धि हुई है, जिससे खादी की बिक्री में 41.45% की वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्थायी रोजगार सृजन हेतु स्व-रोजगार उद्यम स्थापित करने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करता है। पीएमईजीपी के तहत, 10.61 लाख इकाइयों को ₹28,533.21 करोड़ की सब्सिडी प्रदान की गई है और 86.50 लाख रोजगार सृजित किए गए हैं।
