BHU Vice Chancellor: बी एच यू को नये शिखर पर ले जायेंगे नवागत कुलपति
BHU Vice Chancellor: विश्वविद्यालय में सभी को, जिसमें मैं स्वयं भी शामिल हूँ, कड़ी मेहनत करनी होगी, ताकि यथोचित निर्णय सुनिश्चित किये जा सकें: कुलपति प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी
BHU Vice Chancellor: बीएचयू समुदाय से आह्वान – बीएचयू को देश के सभी हिस्सों से तथा विदेशों से भी प्रतिभाशाली विद्यार्थियों और शिक्षण पदों के आवेदकों की पसंदीदा जगह बनाएं
रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 07 अगस्त: BHU Vice Chancellor: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के 29 वें कुलपति प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी ने पद भार ग्रहण करने के पश्चात मीडिया को संबोधित किया. आपने कहा कि समुचित स्तर पर त्वरित संवाद, टीम सदस्यों के साथ प्रभावी समन्वय, तथा अन्य सदस्यों की समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता शीघ्र और सही तरीके से निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रो चतुर्वेदी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के नये कुलपति के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात, बृहस्पतिवार को केंद्रीय कार्यालय के समिति कक्ष-1 में अपनी पहली प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
कुलपति ने कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय एक वैश्विक ख्यातिप्राप्त संस्थान है, जिसकी स्थापना दूरदर्शी शिक्षाविद् और स्वतंत्रता सेनानी महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी द्वारा की गई थी। उन्होंने कहा, “ज्ञान और अनुसंधान के इस विशिष्ट केंद्र को बीते सौ वर्षों से अधिक समय में अनेक महान शिक्षाविदों द्वारा आकार दिया गया है। अब यह वर्तमान नेतृत्व टीम की जिम्मेदारी है कि वह इस परंपरा को आगे बढ़ाए और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को और ऊंचाइयों तक ले जाए।
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विश्वविद्यालय के प्रत्येक सदस्य को, जिनमें मैं स्वयं भी शामिल हूँ, यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी मेहनत करनी होगी कि सभी निर्णय सोच-समझकर और पूरी गंभीरता के साथ लिए जाएं। हमें अपने संस्थापकों से प्रेरणा लेकर अपने मार्ग में आने वाली सभी बाधाओं को पार करना होगा।”
प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि बीएचयू की सबसे बड़ी ताकत इसका विशालता, विषयों की विविधता और गौरवशाली विरासत है। हमें इन खूबियों के आधार पर मौजूद अनगिनत संभावनाओं की पहचान करनी होगी और उन्हें साकार करना होगा। कुलपति ने कहा, “यदि हम एक ऐसी टीम की तरह काम करें, जिसका लक्ष्य साझा हो – और वह लक्ष्य यह हो कि बीएचयू को देश के सभी हिस्सों से तथा विदेशों से भी प्रतिभाशाली विद्यार्थियों और शिक्षण पदों के आवेदकों की अभिलाषा और वांछित गंतव्य का केन्द्र बनाना, तो हम कई उपलब्धियाँ हासिल कर सकते हैं।”
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प्रो. चतुर्वेदी ने इस बात पर जोर दिया कि आज के दौर में किसी भी संस्था की छवि और प्रतिष्ठा का बहुत महत्व होता है, – चाहे वह शैक्षणिक हो या कॉर्पोरेट हो। उन्होंने कहा कि बीएचयू समुदाय के हर वर्ग – शिक्षक, विद्यार्थी और कर्मचारी – को इसमें योगदान देना होगा। हम सभी को अपनी व्यक्तिगत क्षमता के अनुसार सर्वश्रेष्ठ योगदान देना चाहिए। इससे सभी हितधारक लाभान्वित होंगे।
अपनी अन्य प्राथमिकताओं की चर्चा करते हुए कुलपति महोदय ने कहा कि बीएचयू में एक उत्कृष्ट शोध पारिस्थितिकी तंत्र है, जो पेटेंट, तकनीकी हस्तांतरण और स्टार्टअप्स के इनक्यूबेशन के माध्यम से भारतीय समाज पर मूर्त प्रभाव डाल सकता है। उन्होंने कहा कि तेजी से बदलते वैश्विक शैक्षणिक परिदृश्य के अनुरूप नवीनतम शिक्षण और सीखने की उत्तम प्रक्रियाओं को अपनाना समय की मांग है।
आपने कहा कि बीएचयू के पुरातन विद्यार्थी पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। वे विश्वविद्यालय से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं और इसे बहुत सम्मान के साथ देखते हैं। वे हमेशा बीएचयू से जुड़ी सकारात्मक खबरें सुनने को इच्छुक रहते हैं। उन्होंने रेखांकित किया कि हमें पुरातन छात्रों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करनी चाहिए।
प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि भले ही उनका अधिकांश पेशेवर जीवन आईआईटी संस्थानों के साथ बीता है लेकिन बीएचयू लौटकर कुलपति के रूप में सेवा देना उनके लिए एक भावनात्मक क्षण है क्योंकि यही वह स्थान है, जहाँ से उनके तीन दशक लंबे पेशेवर जीवन की शुरुआत हुई थी।