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IIT BHU को भारत सरकार ने दिया 55 करोड़ का अनुदान

IIT BHU: बैटरी अनुसंधान में राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी

  • IIT BHU: देश के चुनिंदा सात ई-नोड्स में आईआईटी (बीएचयू) का चयन
  • कच्चे माल से लेकर जल, थल और वायु परिवहन के लिए अगली पीढ़ी की बैटरियों के समाधान पर होगा रिसर्च
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रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 17 जून:
IIT BHU: आई आई टी बी एच यू को बैटरी रिसर्च हेतु भारत सरकार ने 55 करोड़ का अनुदान दिया है. अनुसंधान राष्ट्रीय रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) भारत सरकार ने अपने इलेक्ट्रिक वाहनों पर उच्च प्रभाव वाले क्षेत्रों की उन्नति के लिए मिशन (एमएएचए-ईवी) के तहत सहायता के लिए पूरे देश में सात प्रमुख नोडल केंद्र (ई-नोड्स) में आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी के चयन की घोषणा की। यह प्रस्ताव देशभर से प्राप्त 227 प्रस्तुतियों में से चुना गया है।

इसके अंतर्गत संस्थान अब एक राष्ट्रीय सुविधा का नेतृत्व करेगा जिसका उद्देश्य बैटरियों के क्षरण (degradation) और उसके समाधान का अध्ययन करना है ताकि सुरक्षित, टिकाऊ और कुशल चार्जिंग क्षमता वाली बैटरियाँ विकसित की जा सके। यह मिशन Te-MobiX (Tropical e-Mobility Excellence) नाम से संचालित किया जाएगा। भारत सरकार की तरफ से संस्थान ने ₹55 करोड़ का प्रतिस्पर्धी अनुसंधान अनुदान प्राप्त किया है। इस अनुदान के माध्यम से संस्थान में एक राष्ट्रीय बैटरी अनुसंधान सुविधा (नेशनल फैसलिटी फॉर बैटरी रिसर्च) की स्थापना की जाएगी।

बैटरी डायग्नोस्टिक्स के क्षेत्र में अग्रणी विशेषज्ञ प्रो. अमित पात्रा ने इस प्रस्ताव का नेतृत्व किया, जिसमें देश के चार प्रमुख संस्थानों आईआईटी (बीएचयू), आईआईटी खड़गपुर, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और आईसीटी मुंबई के संकाय सदस्यों ने भागीदारी की।

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने भारत सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आईआईटी (बीएचयू) एक ऐसी विशिष्ट राष्ट्रीय सुविधा विकसित करने की योजना बना रहा है, जो बैटरी अनुसंधान की संपूर्ण श्रृंखला-कच्चे माल से लेकर जल, थल और वायु परिवहन के लिए अगली पीढ़ी की बैटरियों के समाधान तक को कवर करेगी। यह मिशन भारत के नेशनल मिशन ऑन ट्रांसफॉर्मेटिव मोबिलिटी एंड एनर्जी स्टोरेज, सतत विकास लक्ष्य (SDGs), और EV30@2030 लक्ष्य के अनुरूप है। इसके साथ ही यह स्थानीय नवाचार, कौशल विकास और रोजगार सृजन को भी बढ़ावा देगा।

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संस्थान की कोर टीम के परियोजना अन्वेषक प्रोफेसर आर के सिंह ने बताया कि Te-MobiX का मुख्य उद्देश्य भारत की उष्णकटिबंधीय जलवायु के अनुसार बैटरी की कार्यक्षमता, सुरक्षा और आयु को बेहतर बनाना है। यह मिशन नवाचार, किफायती समाधान और पर्यावरणीय स्थिरता को प्राथमिकता देगा, जिससे भारत के स्वच्छ गतिशीलता (clean mobility) की ओर परिवर्तन को समर्थन मिलेगा।

परियोजना अन्वेषक डा. आबिर घोष ने बताया कि Te-MobiX को DRDO-NSTL, CSIR-NAL और प्रमुख उद्योग भागीदारों का सहयोग प्राप्त है, जिनमें ThoughtSpot India Pvt- Ltd, OPAL-RT Pvt. Ltd., TVS Motors, Urjawatt Technologies और TATA Motors शामिल हैं। ये औद्योगिक साझेदार कुल परियोजना लागत का 10% योगदान देंगे और परियोजना के व्यावसायीकरण एवं वास्तविक परीक्षण में सहयोग करेंगे।

आईआईटी (बीएचयू) से इस परियोजना की प्रमुख टीम में प्रो. आर. के. सिंह और डॉ. वी. एन. लाल (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग), तथा डॉ. आबिर घोष और डॉ. देबदीप भंडारी (केमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी) शामिल हैं। अन्य प्रमुख सहयोगी में प्रो. आर. के. मोहंती (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग), डॉ. उदिता उदय घोष और डॉ. सतरूपा दत्ता (केमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी), डॉ. रोज़ी (केमिस्ट्री), डॉ. प्रौद्युत धर (बायोकेमिकल इंजीनियरिंग), डॉ. अनुभव सिन्हा (मैकेनिकल इंजीनियरिंग), अग्निवेश पी. (सिविल इंजीनियरिंग) और डॉ. ए. के. मिश्रा (मैटेरियल साइंस एंड टेक्नोलॉजी) हैं। सहभागी संस्थानों से सहयोग देने वाले अन्य संकाय सदस्यों में प्रो. एस. बी. मजूमदार और प्रो. एस. मुखोपाध्याय (आईआईटी खड़गपुर), प्रो. वी. गणेशन (बीएचयू), और डॉ. नीतू झा (आईसीटी मुंबई) शामिल हैं।

BJ ADVT

उल्लेखनीय है कि चयनित सात ई-नोड्स में से दो ट्रॉपिकल ईवी बैटरी और सेल प्रौद्योगिकियों (टीवी- I) पर ध्यान केंद्रित करेंगे, तीन पावर इलेक्ट्रॉनिक्स मशीनों और ड्राइव्स (टीवी- II) पर काम करेंगे और शेष दो ई-नोड्स (टीवी- III) के तहत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

एएनआरएफ के महा-ईवी मिशन के तहत चयनित सात ई-नोड्स में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(बीएचयू) और इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मैटेरियल्स हैदराबाद (टीवी- I), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सुरथकल, सीएसआईआर-केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान, पिलानी (टीवी- II) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर (टीवी- III) में शामिल हैं।

प्रत्येक चयनित इलेक्ट्रिक मोबिलिटी नोड (ई-नोड्स) देश के ईवी क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास में योगदान देने और उसे स्थापित करने के लिए अनिवार्य उद्योग भागीदारी के साथ शैक्षणिक संस्थानों/आरएंडडी प्रयोगशालाओं को शामिल करते हुए कंसोर्टिया मोड में परियोजना को क्रियान्वित करेगा।

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