Redevelopment of Morbi Station: राजकोट मंडल के मोरबी स्टेशन का पुनर्विकास
Redevelopment of Morbi Station: गुजरात के रेल परिदृश्य में बदलाव : अमृत भारत स्टेशन योजना
पश्चिम रेलवे के राजकोट मंडल के मोरबी स्टेशन का पुनर्विकास

राजकोट, 19 मई: Redevelopment of Morbi Station: भारतीय रेल को देश की जीवन रेखा कहा जाता है। रेल परिचालन में रेलवे स्टेशनों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है और यह रेलवे स्टेशन शहर की पहचान भी होते हैं। अधिकांश रेलवे स्टेशन हार्ट ऑफ़ द सिटी होते हैं, जिनके आसपास शहर की सभी आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियां केंद्रित होती हैं।
इसलिए रेलवे स्टेशनों का इस ढंग से विकास किया जाना आवश्यक है कि रेलवे स्टेशन न सिर्फ रेलगाड़ियों के ठहराव के स्थान बनें, बल्कि शहर की पहचान भी बनें। सुंदर और भव्य स्टेशनों को जब शहर की सांस्कृतिक,आध्यात्मिक और धार्मिक विरासत के आधार पर विकसित किया जाता है, तो ट्रेन से पहुंचने वाला देसी और विदेशी पर्यटक शहर के साथ अपने प्रथम परिचय को यादगार बना लेता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत की वैश्विक साख बढ़ी है। देश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि ‘विकसित होने के लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ा रहा भारत अपने अमृत काल के प्रारंभ में है। नई ऊर्जा है, नई प्रेरणा है, नए संकल्प हैं।’ भारतीय रेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से देश के 1300 से अधिक रेलवे स्टेशनों के कायाकल्प का काम प्रारंभ किया और अब 2 वर्ष से भी कम की अवधि में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकसित 103 रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन होने वाला है।
रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की यह गति अद्वितीय है। अनेक कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि जिन परियोजनाओं का वह शिलान्यास करते हैं उनका उद्घाटन भी वही करते हैं। वस्तुत: विकसित होते हुए भारत की यह नई संस्कृति है, जिसके तहत परियोजनाओं को पूरा करने की गति काफी तेज हुई है। भारतीय रेल ने जितनी तेज गति से इस काम को संपन्न किया है, उसके लिए उसकी सराहना की जानी चाहिए।
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विकसित किए जा रहे 1300 से अधिक स्टेशनों में जो 103 स्टेशन अभी बनकर तैयार हुए हैं, इन स्टेशनों पर भव्य प्रवेश द्वार, आकर्षक फसाड, हाई मास्ट लाइटिंग, आधुनिक प्रतीक्षालय, टिकट काउंटर, मॉर्डन टॉयलेट और दिव्यांगजन के लिए सुगम रैंप जैसी सुविधाएं विकसित की गई हैं। प्लेटफॉर्म पर शेल्टर,कोच इंडिकेशन सिस्टम और सूचना के लिए डिजिटल डिस्प्ले लगाए गए हैं। सभी सुविधाओं को दिव्यांगजन अनुकूल बनाया गया है। वहीं, हर स्टेशन पर गुजरात की लोक कला, संस्कृति और परंपराओं की झलक भी देखने को मिल रही है।
मोरबी रेलवे स्टेशन: विरासत और आधुनिकता का संगम(Redevelopment of Morbi Station)
1935 में निर्मित मोरबी रेलवे स्टेशन लंबे समय से शहर की वास्तुकला की खूबसूरती और औद्योगिक विरासत का प्रमाण रहा है। टाइल निर्माण उद्योग के लिए विश्व स्तर पर प्रशंसित क्षेत्र में स्थित अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशन का बदलाव एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत से किए गए पुनर्विकास को सावधानीपूर्वक निष्पादित किया गया है, जिससे स्टेशन के ऐतिहासिक सार को संरक्षित करते हुए यात्री सुविधाओं में वृद्धि की गई है।
स्टेशन के मूल अग्रभाग को एक गौरवशाली विरासत संरचना के रूप में बनाए रखा गया है और पारंपरिक तत्व जैसे कि विरासत-शैली की टाइलें अब प्रतीक्षालय और कॉन्कोर्स जैसे प्रमुख अंदरूनी हिस्सों को सुशोभित करती हैं। भू-दृश्य वाले उद्यान और चारदीवारी के चारों ओर हेरिटेज फेंसिंग स्टेशन के पुराने आकर्षण को और बढ़ाती है। पूरे आधुनिकीकरण प्रयास से यात्रा अनुभव को बेहतर बनाते हुए मोरबी की सांस्कृतिक पहचान को सम्मान के रूप में आकार दिया गया है।

उन्नत बुनियादी ढांचे में नए सतह वाले प्लेटफ़ॉर्म, विस्तृत छत की मरम्मत, भवन का जीर्णोद्धार और जीवंत पेंटिंग शामिल हैं। एक नया सर्कुलेटिंग एरिया विकसित किया गया है जो 12 मीटर चौड़ी सड़क से सुसज्जित है, जो निर्बाध वाहन आवागमन और बेहतर यातायात प्रवाह सुनिश्चित करता है। दो, तीन और चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा प्रदान की गई है जो दैनिक यात्रियों और आगंतुकों के लिए बेहतर सुविधा प्रदान करती है।
स्टेशन परिसर के अंदर आधुनिकता का परंपरा के साथ मेल है। वीआईपी, सामान्य और एसी वेटिंग हॉल को आराम और भव्यता के लिए फिर से तैयार किया गया है जबकि स्वच्छ एवं सुलभ शौचालय सुविधाएं और दिव्यांगजनों के अनुकूल सुविधाएँ जैसे कि रैंप और समर्पित शौचालय समावेशिता सुनिश्चित करते हैं। पोर्च एक्सटेंशन स्टेशन के प्रवेश द्वार को एक शानदार आकर्षण प्रदान करता है तथा अग्रभाग और कॉनकोर्स में सुधार परिसर को एक सुंदर विरासत अपील प्रदान करता है। उन्नत साइनेज, कोच इंडिकेशन सिस्टम, मॉड्यूलर टॉयलेट ब्लॉक और आधुनिक फर्नीचर जैसी अतिरिक्त सुविधाएँ स्टेशन की कार्यक्षमता को और बढ़ाती हैं।
अपने व्यापक पुनर्विकास के माध्यम से मोरबी रेलवे स्टेशन अब न केवल एक महत्वपूर्ण परिवहन केंद्र के रूप में खड़ा है, बल्कि शहर की विरासत का एक गौरवशाली प्रतीक भी है, जो अतीत की भव्यता को भविष्य की मांगों के साथ सहजता से मेल कराता है।
रेल का पहिया देश के विकास का पहिया है। रेलवे स्टेशन विकास के रथ पर सवार देश के प्रमुख केंद्र हैं। भारतीय रेल और रेलवे स्टेशनों की प्रगति में हर भारतीय की सहभागिता है। इस सहभागिता को और मजबूत करना है। इनकी हिफाजत करना, इनको स्वच्छ बनाए रखना भी हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है।
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