Youth Festival at BHU: बी एच यू मे युवा महोत्सव “संस्कृति मे विद्यार्थियों ने दिखाई अपनी प्रतिभा
Youth Festival at BHU: इंकलाब जिंदाबाद के नारों से गूंज उठा कला संकाय प्रेक्षागृह
- Youth Festival at BHU: लघु नाटक ने दर्शकों को दिलाई अमर शहीदो की याद, समूह गीत सुन झूमें श्रोता

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 25 फरवरी: Youth Festival at BHU: काशी हिंदू विश्वविद्यालय, कला संकाय द्वारा आयोजित वार्षिक युवा महोत्सव “संस्कृति 2025” के द्वितीय दिवस का आयोजन अत्यंत हर्षोल्लास और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक एवं कलात्मक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिनमें लघु नाटक, समूह गायन, मेहंदी, पोस्टर मेकिंग, संभाषण, वाद-विवाद, कविता पाठ, एक्सप्रेशन, माइम, और क्रिएटिव डांस जैसी विधाओं में प्रतिभागियों ने अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

संस्कृति 2025″ का आयोजन 23 से 25 फरवरी के मध्य किया जा रहा है, जिसमें कला संकाय के सभी विभागों के 750 से अधिक स्नातक, परास्नातक एवं शोध छात्र अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। संस्कृति 2025 के समन्वयक, डॉ. बिनायक दुबे ने कहा कि यह महोत्सव केवल एक प्रतियोगिता मात्र नहीं, बल्कि छात्रों को अपनी कला को निखारने और उसे मंच तक लाने का एक सुअवसर प्रदान कर रहा है। यहां से विजयी प्रतिभागी विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित “स्पंदन” युवा महोत्सव में कला संकाय का प्रतिनिधित्व करेंगे।
द्वितीय दिवस के प्रमुख आकर्षणों में लघु नाटक, विदेशी समूह गायन और ललित कला प्रतियोगिताएं शामिल रहीं। लघु नाटकों ने अमर शहीदों के बलिदान को मंच पर जीवंत करते हुए दर्शकों को भावुक कर दिया, जबकि समूह गायन की संगीतमय प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिया। कलाकारों की प्रभावशाली अभिव्यक्ति और सशक्त अभिनय ने न केवल मनोरंजन किया, बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति गहरी संवेदनाओं को भी जागृत किया।
इसके अलावा, ब्राइडल मेहंदी प्रतियोगिता भी चर्चा का केंद्र बनी, जहां प्रतिभागियों ने अपनी अद्वितीय कलात्मक रचनात्मकता का प्रदर्शन किया। प्रत्येक प्रस्तुति ने यह सिद्ध किया कि कला संकाय के छात्र सृजनात्मकता, नवाचार और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति में अग्रणी हैं।
युवा महोत्सव “संस्कृति 2025” का यह आयोजन विद्यार्थियों को अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने और उनकी प्रतिभा को नए आयाम देने का सशक्त मंच प्रदान कर रहा है। यह महोत्सव न केवल प्रतियोगिताओं का मेल है, बल्कि रचनात्मकता, आत्म-अभिव्यक्ति और सांस्कृतिक समन्वय का प्रतीक भी है।
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