Entrepreneurship Recognition Program 2

Entrepreneurship Recognition Program: मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में आयोजित हुआ उद्यमिता सम्मान कार्यक्रम

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गांधीनगर, 21 फरवरी: Entrepreneurship Recognition Program: गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में राज्य के उद्योग एवं खान विभाग द्वारा शुक्रवार को गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में सायं 4.00 बजे ‘उद्यमिता सम्मान कार्यक्रम’ आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम के दौरान उद्योग एवं खान विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सहायता वितरण किया गया, विभिन्न परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई तथा विभिन्न औद्योगिक ढाँचागत सुविधाओं का ई-लोकार्पण किया गया।

इस कार्यक्रम में उद्योग आयुक्त कार्यालय अधीनस्थ विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कुल 8278 लाभार्थियों को 1282.48 करोड़ रुपए की सहायता का वितरण किया गया। इसके अतिरिक्त; लगभग 28 नए लाभार्थियों के लिए कुल 1618.17 करोड़ रुपए की सहायता मंजूर की गई। इस कार्यक्रम में गुजरात औद्योगिक विकास निगम (जीआईडीसी) अंतर्गत 480 करोड़ रुपए की 5 परियोजनाओं का ई-लोकार्पण किया गया तथा भूविज्ञान एवं खनन अंतर्गत 250 करोड़ रुपए खनिज मूल्य के कुल 5 खनन पट्टों के स्वीकृति पत्र प्रदान किए गए। इस प्रकार; समग्र कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के करकमलों से लगभग 8316 लाभार्थियों को कुल 3630.65 करोड़ रुपए के लाभों का वितरण किया गया।

इस कार्यक्रम में अतिथि विशेष के रूप में गुजरात सरकार के उद्योग, लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग तथा कुटीर, खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री बळवंतसिंह राजपूत, गृह एवं उद्योग राज्य मंत्री हर्ष संघवी और लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग तथा कुटीर, खादी एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री जगदीश विश्वकर्मा उपस्थित रहे। राज्य के विभिन्न उद्योग क्षेत्रों के प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम के दौरान कुछ योजनाओं के लाभार्थियों ने अपने प्रतिभाव-अभिप्राय भी प्रस्तुत किए।

BJ ADVT

कार्यक्रम के दौरान प्रेरक संबोधन करते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत देश के लिए आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी अनेक योजनाएं लागू की हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमें ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड’ की दिशा में काम करने को प्रेरित किया है। जब हम दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं, तब क्वालिटी पर जोर तो देना ही पड़ता है। हमारे उत्पाद क्वालिटी वाले होने ही चाहिए।

क्वालिटी में सुधार कैसे किया जाए इसे जानने के लिए आज गुणवत्ता रथयात्रा को हरी झंडी दिखाई है। यह रथ हर उद्योगकार और एमएसएमई से मिलेगा और उन्हें उनके उत्पादों की क्वालिटी में सुधार के लिए मार्गदर्शन देगा। हमारे उत्पादों की पैकेजिंग इस प्रकार होनी चाहिए कि मेड इन जापान और मेड इन यूएसए की तरह मेड इन इंडिया को देखकर लोग खुश हो जाएं।”

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, “कल गुजरात सरकार ने 3.70 लाख करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया है, जो विकसित गुजरात का विजन है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने का जो संकल्प दिया है, उस संकल्प को पूरा करने के लिए कैसे आगे बढ़ना है, उसके लिए हमने एक पूरा रोडमैप तैयार किया है। गुजरात आज स्टार्टअप के क्षेत्र में अग्रणी स्थान पर है। पिछले 4 वर्षों से स्टार्टअप रैंकिंग में गुजरात अव्वल रहा है। भारत की कुल जीडीपी में गुजरात का योगदान 8.3 फीसदी है, उसे वर्ष 2030 तक 10 फीसदी तक ले जाना गुजरात का लक्ष्य है। आइए, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए हम सभी साथ मिलकर विकसित गुजरात बनाएं।”

गुजरात सरकार के उद्योग, लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग तथा कुटीर, खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री बळवंतसिंह राजपूत ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि “गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में गुजरात ने पिछले 20 वर्षों में उद्योग क्षेत्र में जो प्रगति की है, उसके चलते गुजरात अन्य राज्यों के लिए विकास का रोल मॉडल बन गया है। आज भारत इस मॉडल के माध्यम से पूरी दुनिया में आगे बढ़ रहा है। उल्लेखनीय है कि देश के निर्यात में गुजरात की हिस्सेदारी 33 फीसदी से अधिक है। आज दुनिया की शीर्ष 500 कंपनियों में से 100 कंपनियों की गुजरात में मौजूदगी है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात 45 लाख करोड़ रुपए से अधिक के एमओयू का गवाह बना है।”

उद्योग मंत्री ने गुजरात के मजबूत नेतृत्व का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि “मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित किया कि केवल 96 घंटे में लाभार्थियों को 3500 करोड़ रुपए से अधिक के लाभ मिलें। 2 वर्ष पहले जिन लघु उद्योगों की संख्या 13 लाख थी, वह आज बढ़कर 20 लाख तक पहुंच गई है। मैं उद्योगकारों को बताना चाहूंगा कि केंद्र और राज्य सरकार आपके साथ खड़ी हैं। मुझे आशा है कि हम ऐसे अनेक कार्यक्रमों के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत@2047’ का सपना साकार करेंगे।”

गृह एवं उद्योग राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि, “मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में गुजरात सरकार सभी लोगों के सपनों को साकार करने की दिशा में निरंतर कार्यरत है। गुजरात का नेतृत्व, विशेषकर राज्य का उद्योग विभाग आप सभी उद्योगकारों की मुश्किलों को समझते हुए उसे दूर करने और नए विचारों के साथ आपकी प्रगति सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रहा है।

आज राज्य सरकार 6500 उद्योगों को 3500 करोड़ रुपए से अधिक के लाभ देने जा रही है। गुजरात केवल राज्य ही नहीं, बल्कि देश भर के युवा जो अपने परिवार के लिए सपने देखते हैं, उनके लिए काम करता है। अपने सपनों को साकार करने के लिए गुजरात की धरती पर आने वाले लोगों के लिए हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहे हैं।”

लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग तथा कुटीर, खादी एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री जगदीश विश्वकर्मा ने कार्यक्रम में विश्व मातृभाषा दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, “भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज विकसित भारत की यात्रा शुरू की है, और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी विकसित गुजरात की यात्रा में सफल कदम बढ़ाए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूरा करने में उद्योगों का योगदान महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात ने क्षेत्र आधारित औद्योगिक पार्क की घोषणा की है। आज मुख्यमंत्री ने गुणवत्ता रथ लॉन्च किया है, तब मैं यह बताना चाहूंगा कि गुजरात शायद एकमात्र ऐसा राज्य है जहां 21 से अधिक पॉलिसियां हैं। गुजरात सरकार ने पॉलिसियां बनाने के अलावा सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम भी शुरू किया है। लेकिन इन पहलों का अधिकतम लाभ हासिल करने के लिए प्रत्येक क्षेत्र में क्वालिटी सुनिश्चित करना आवश्यक है। आत्मनिर्भर भारत के लिए, निर्यात में अग्रसर रहने के लिए, सस्टेनेबल इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट के लिए क्वालिटी आवश्यक है। आइए, हम गुणवत्ता पर बल देकर गुजरात को नंबर वन बनाएं।”

Entrepreneurship Recognition Program


उद्यमिता सम्मान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात गुणवत्ता यात्रा के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए गुणवत्ता रथ को हरी झंडी दिखाई। कार्यक्रम के दौरान भारतीय गुणवत्ता परिषद् (क्यूसीआई) द्वारा गुजरात गुणवत्ता यात्रा पर फिल्म प्रदर्शित की गई।

उल्लेखनीय है कि विश्व के प्रतिस्पर्धात्मक बाजारों में अस्तित्व बनाए रखने के लिए उद्योगों को उनके उत्पादों व सेवाओं को टिकाऊ गुणवत्ता प्रदान करने की दिशा में जागृत करने तथा गुणवत्ता के इस महत्व को गुजरात के सभी कोनों में कार्यरत् उद्यमियों-उद्योगकारों तक पहुँचाने के उद्देश्य से भारतीय गुणवत्ता परिषद् ने गुजरात गुणवत्ता यात्रा की क्रांतिकारी पहल शुरू की है।

राज्य के उद्योग एवं खान विभाग के सहयोग तथा ईडीक्यूसी तथा क्यूसीआई के संयुक्त उपक्रम से गुजरात गुणवत्ता यात्रा 2025 आयोजित होगी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य गुणवत्ता के मानदंडों में वृद्धि करना तथा गुणवत्ता की श्रेष्ठता के विषय में राज्य के एमएसएमईस तथा अन्य उद्योगों को संवेदनशील बनाने के लिए चरणबद्ध ढंग से रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाना है। 21 फरवरी से शुरू हुई यह गुजरात गुणवत्ता यात्रा लगभग 50 दिन चलेगी और राज्य के 33 जिलों को कवर करेगी। इसके लिए विशेष रूप से तैयार किया गया गुणवत्ता रथ राज्यभर की औद्योगिक इकाइयों का दौरा करेगा तथा एमएसएमईस एवं विभिन्न उद्यमियों को गुणवत्ता के महत्व के विषय में जागृत करेगा।

इस गुणवत्ता यात्रा के माध्यम से गुजरात की औद्योगिक इकाइयों को ‘गुणवत्ता प्रमाणपत्र तथा उसके लाभ क्या हैं, गुणवत्ता के बुनियादी मानदंड प्राप्त करने के लिए क्या जरूरी है तथा इसके लिए उद्योगों को क्या फेरबदल करने जरूरी हैं, अपने उत्पादों के लिए गुणवत्ता प्रमाणपत्र व एक्रेडिटेशन प्राप्त करने के लिए क्या फेरबदल करने जरूरी हैं तथा उसकी प्रक्रिया क्या है’; आदि तमाम मुद्दों पर सटीक जानकारी, मार्गदर्शन एवं सहायता प्रदान की जाएगी।

इस यात्रा के दौरान राज्य सरकार के सभी विभागों तथा विभिन्न क्षेत्रों के अग्रणियों को साथ रखकर उनके क्षेत्र में गुणवत्ता जागृति को लेकर सघन प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए अनेक प्रोत्साहक कार्यक्रमों तथा वेबिनारों का भी आयोजन किया गया है।

मुख्यमंत्री द्वारा जीआईडीसी की 480 करोड़ रुपए की औद्योगिक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जीआईडीसी की 480 करोड़ रुपए की विभिन्न औद्योगिक ढाँचागत सुविधाओं की 5 परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उल्लेखनीय है कि राज्य में विश्व स्तरीय औद्योगिक ढाँचागत सुविधाएँ प्रदान करने के लिए जीआईडीसी विभिन्न विकास पहलें कर रहा है। इन ढाँचागत कार्यों का उद्देश्य उद्योगों को सुविधा देना, औद्योगिक परिदृश्य में परिवर्तन लाना तथा उद्योगों की उत्पादकता बढ़ाना है।

ये पाँच परियोजनाएँ निम्नानुसार हैं:

साणंद-2 औद्योगिक बस्ती में स्मार्ट ढाँचागत सुविधाओं के विकास कार्य
अहमदाबाद जिले में स्थित साणंद-2 औद्योगिक बस्ती (इंडस्ट्रियल टाउनशिप) गुजरात का एक समृद्ध औद्योगिक केन्द्र है; जो इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल तथा सहवर्ती, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्युटिकल्स, चिकित्सा उपकरणों सहित विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न उद्योगों से समृद्ध है। बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने साणंद-2 में अपनी उत्पादन इकाइयों की स्थापना की है। इसके अतिरिक्त; कई सेमीकंडक्टर कंपनियों ने साणंद जीआईडीसी में बड़े निवेश किए हैं। इन निवेशों ने साणंद को भारत की सेमीकंडक्टर क्रांति का केन्द्र बनाया है, जो भारत को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के ध्येय की ओर एक कदम आगे ले जाता है।

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परिणामस्वरूप; साणंद जीआईडीसी एस्टेट का बड़े पैमाने पर अपग्रेडेशन तथा परिवर्तन शुरू किया गया है। जीआईडीसी ने आधुनिक टेक्नोलॉजी तथा अत्याधुनिक ढाँचागत सुविधाओं के क्रियान्वयन द्वारा साणंद-2 औद्योगिक बस्ती को एक अत्याधुनिक नेक्स्ट जनरेशन इंडस्ट्रीज के लिए स्मार्ट औद्योगिक पार्क में परिवर्तित किया है। इसके लिए साणंद-2 स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप में अत्याधुनिक घटकों के अंतर्गत 242 करोड़ रुपए की लागत से स्मार्ट वेरियेबल व स्टेटिक साइनेजिस, एयर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग सिस्टम्स, ड्यूल पावर सोर्स आधारित (सोलर तथा ग्रिड पावर) ईवी चार्जिंग स्टेशन, स्मार्ट वॉटर मीटर की स्थापना, स्ट्रीट लाइट ऑटोमेशन, सीसीटीवी सर्वेलांस सिस्टम, इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर तथा ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क ढाँचागत सुविधाओं के कार्य पूरे किए गए हैं।

पखाजण में स्थापित एसईजेड औद्योगिक बस्ती के लिए दूषित जल निकास पाइपलाइन का कार्य

जीआईडीसी द्वारा भरूच जिले में वागरा तहसील के पखाजण में 715 हेक्टेयर में स्थापित विशेष आर्थिक अंचल (एसईजेड) औद्योगिक बस्ती में 50 से अधिक औद्योगिक इकाइयों के लिए 25 एमएलडी क्षमता वाली ट्रीटेड दूषित जल निकास के लिए लगभग 27 किलोमीटर की पाइपलाइन तथा पंपिंग स्टेशन, अंडरग्राउंड संप व पंपिंग मशीनरी जैसे सहवर्ती कार्यों के साथ 159 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न कार्य किए गए हैं। उपरोक्त पाइपलाइन एसईजेड पखाजण से दहेज-2 जीआईडीसी बस्ती में स्थित पंपिंग स्टेशन तक बिछाई गई है। वहाँ से इस दूषित जल की निकासी समुद्र में होगी। इस पाइपलाइन से ट्रीटेड दूषित जल निकासी की सुनियोजित व्यवस्था के कारण पखाजण एसईजेड में आने वाली औद्योगिक इकाइयों को लाभ होगा।

  1. पखाजण में स्थापित एसईजेड औद्योगिक बस्ती के लिए रोड एंड स्ट्रीट लाइट का कार्य

जीआईडीसी द्वारा भरूच जिले में वागरा तहसील के पखाजण में 715 हेक्टेयर में स्थापित एसईजेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में 50 से अधिक औद्योगिक इकाइयों के लिए 29 करोड़ रुपए की लागत से लगभग 7.6 किलोमीटर के आंतरिक रोड नेटवर्क का कार्य किया गया है। इस सुनियोजित व्यवस्था के कारण पखाजण एसईजेड में आने वाली औद्योगिक इकाइयों को लाभ होगा।

  1. पोरबंदर औद्योगिक बस्ती में अंतरढाँचागत सुविधाओं के नवीनीकरण का कार्य

जीआईडीसी की पोरबंदर औद्योगिक बस्ती की वर्ष 1975 में 200 हेक्टेयर में स्थापना हुई थी। इसके बाद 40 वर्ष पुरानी वर्तमान अंतरढाँचागत सुविधाओं का नवीनीकरण किया गया है। इनमें बरसाती जल निकासी की गटर योजना-37.23 किलोमीटर, पाइपलाइन-32.59 किलोमीटर, 2 लाख लीटर क्षमता वाली ओवरहेड वॉटर टैंक-2 नग, 5 लाख लीटर अंडरग्राउंड वॉटर टैंक-2 नग तथा पंपरूम-2 नग आदि नवीनीकरण कार्यों पर 35 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। ये ढाँचागत सुविधाएँ उद्योगों के विकास के लिए फायदेमंद रहेंगी तथा उनकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि करेगी।

  1. बनासकाँठा स्थित मुडेठा में एग्रो फूड पार्क

गुजरात औद्योगिक विकास निगम द्वारा बनासकाँठा जिले में डीसा तहसील के मुडेठा में 25 हेक्टेयर क्षेत्र में एग्रो फूड पार्क विकसित किया जा रहा है। इससे क्षेत्रीय कृषि उत्पादों के मूल्यवर्धन में वृद्धि करने का आयोजन किया गया है। इसके हिस्से के रूप में इस टाउनशिप में समाविष्ट 200 से अधिक औद्योगिक इकाइयों के लिए 15 करोड़ रुपए की लागत से 3 किलोमीटर की आंतरिक सड़क की ढाँचागत सुविधा स्थापित की गई है, जो उद्योगों को विकास के लिए लाभकारी होगी तथा उनकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि करेगी।

सीजीटीएमएसई अंतर्गत प्राप्त लोन में गारंटी कवरेज 90 से 95 प्रतिशत करने के लिए एमओयू

भारत सरकार द्वारा सूक्ष्म तथा लघु उद्योग इकाइयों को कोलेटरल फ्री लोन (गारंटर मुक्त) उपलब्ध कराने के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइज (सीजीटीएमएसई) का गठन किया गया है, जिसके अंतर्गत मिलने वाले लोन में गारंटी कवरेज 75 प्रतिशत तक सीमित था। अब गुजरात सरकार तथा भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के बीच एमओयू विनिमय होने से यह गारंटी कवरेज 90 से 95 प्रतिशत हो जाएगा। इसके लिए ट्रस्ट द्वारा गुजरात सरकार के कोलोबरेशन से 25 करोड़ रुपए का कोर्पस फंड स्थापित करने का प्रस्ताव इस वर्ष के बजट में नए मद के रूप में मंजूर किया गया है। 25 करोड़ रुपए के इस एमओयू से लगभग 1250 करोड़ रुपए का कोलेटरल फ्री लोन का पोर्टफोलियो स्थापित होने की संभावना है।

उद्यमियों को 250 करोड़ रुपए खनिज मूल्य के कुल 5 खनन पट्टों के स्वीकृति पत्र प्रदान

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने उद्यमिता सम्मान कार्यक्रम में 5 उद्यमियों को खनन पट्टे आवंटित किए। इसके लिए 250 करोड़ रुपए खनिज मूल्य के कुल 5 खनन पट्टों के स्वीकृति पत्र प्रदान किए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि विभिन्न उद्योगों तथा राज्य के अंतरढाँचागत विकास प्रोजेक्ट्स के लिए खनिज महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खनिज के पट्टों का आवंटन तथा प्रशासन महत्वपूर्ण है। उद्यमी इस विकास यात्रा में भाग लेकर उत्साहपूर्वक जुड़ सकें; इसके लिए पट्टों का आवंटन नीलामी की पारदर्शी व प्रतिस्पर्धात्मक पद्धति से किया जाता है। इसके अतिरिक्त; ईज ऑफ डूइंग बिजनेस अंतर्गत निजी भूमि में तेजी से गौण खनिज के पट्टे मिलें; इसके लिए आवेदन आधारित पट्टे देने का प्रावधान भी राज्य सरकार ने किया है।

कार्यक्रम के दौरान आयोजित हुआ स्टार्टअप प्रदर्शनी

उद्यमिता सम्मान कार्यक्रम के दौरान महात्मा मंदिर में स्टार्टअप प्रदर्शनी भी आयोजित हुआ। इसमें विभिन्न स्टार्टअप्स का प्रदर्शन किया गया, जिन्हें राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सहायता प्राप्त है तथा जिन्हें इंडस्ट्रियल कमिश्नरेट स्टार्टअप सेल अंतर्गत 50 से अधिक संस्थाओं के नेटवर्क के माध्यम से इनक्यूबेट किया गया है।

इस प्रदर्शनी में लगभग 10 स्टार्टअप्स ने ग्रीन एनर्जी, कड़ा प्रबंधन, पर्यावरणीय समाधानों, सुख-सुविधाओं, एडटेक आदि क्षेत्रों में नवीन उत्पादों तथा सेवाओं को प्रदर्शित किया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस स्टार्टअप एग्जीबिशन का जायजा लिया। उन्होंने स्टार्टअप के मालिकों के साथ बातचीत कर उनके उत्पादों के संबंध में जानकारी हासिल की और दिलचस्पी से चर्चा भी की।

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