Varanasi DM Instructions for Gaushala

DM Instructions: काशी के गौशालाओं मे पशुओं के उचित देखभाल का डी एम ने दिया कड़ा निर्देश

DM Instructions: गौशाला में पशुओं की देखभाल में किसी प्रकार की लापरवाही पाये जाने पर जिम्मेदारी तय करते हुए कड़ी कार्यवाही की जायेगी -जिलाधिकारी

  • DM Instructions: बीमार गोवंश को अलग रख कर उनका इलाज किया जाये….डीएम
  • प्रचंड गर्मी को देखते हुए गोवंश के रख रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाय
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रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 03 मई:
DM Instructions: जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने कैम्प कार्यालय के सभागार में भूसा क्रय समिति के बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देशित किया इस समय सीजन में भूसा सस्ते दाम में खरीदा जाये तथा इसके भण्डारण की पर्याप्त व्यवस्था की जाय।

जिलाधिकारी द्वारा पूछे जाने पर सीवीओ विकास खण्डों से प्राप्त गौशालाओं सम्बन्धी सूचना की जानकारी नहीं दे सके तथा गौशालाओं की नियमित देखभाल हेतु नोडल अधिकारियों के भ्रमण की रिपोर्ट प्रस्तुत न करने पर अग्रिम आदेश तक वेतन रोकने का निर्देश दिया।

मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बताया कि 28 अप्रैल को भिटकुरी में वृहद गौशाला के निरीक्षण के दौरान नाद में सूखा गोबर पाया गया। इस जानकारी पर जिलाधिकारी ने सेवापुरी ब्लाक के खण्ड विकास अधिकारी व पशु चिकित्साधिकारी खरगूपुर का एक दिन का वेतन रोकने और स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया । काशी विद्यापीठ ब्लाक के बन्देपुर गौशाला में भी अनियमितता पाये जाने व बीडीओ के बैठक में अनुपस्थित रहने पर एक दिन का वेतन रोकने का निर्देश दिया।

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जिलाधिकारी ने जनपद के सभी गो आश्रय स्थल पर गोवश को खिलान के लिए कम से कम दो माह का भूसा स्टाक करने का निर्देश दिया तथा सभी गोशाला के भूसा की सूचना वहीं के खण्ड विकास अधिकारी व सम्बन्धित पशुचिकित्सा अधिकारी के सयुक्त हस्तक्षर से भेजने का निर्देश दिया गया। गोशालाओं पर गोवश को गर्मी से बचाव हेतु तिरपाल लगाने व गोवंश को कैल्शिम की कमी न हो इसके लिए पानी में कैल्शिम मिलाकर पिलाने के निर्देश दिये.

गोआश्रय स्थल बन्देपुर में गोवंश के लिए हरा चारा खिलाने हेतु वहा पर होमगार्ड के लिए आवंटित जमीन पर लेखपाल या राजस्व विभाग से मिल कर सिचाई के साधन आदि की व्यवस्था देख कर हरा चारा उगाने का निर्देश दिया गया। सभी गोशाला में गोवश को पीने के पानी, प्रर्याप्त मात्रा में पशुओं को रहने के लिए शेड तथा बीमार गोवंश खुले में न रहे उसके लिए एक अलग शेड बनाकर उपचार करने के निर्देश, इसके अलावा छोटे गोशाला के गोवंश को जहाँ शिष्ट किया जाय वहा पर अतिरिक्त शेड बनाने के निर्देश दिये गये।सभी गोशाला में नेटवाल ग्रीन तिरपाल लगाने के निर्देश दिये गये जिससे गोवश को लू से बचाया जा सके।

किसी गोवंश की मृत्यु हो जाने पर इसका प्रापर डिस्पोज़ल किया जाय। पूराने गोशाला जो अब बन्द हो गये है वहा के पाइप व शेड को जहा आवश्यकता हो वहा पर उपयोग करने के निर्देश दिये गये। गोशाला में पानी या अन्य किसी प्रकार की समस्या होने पर अधिकारी / जिलाधिकारी महोदय को अवगत कराने के निर्देश दिये गये। तत्काल जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी को अवगत कराने के निर्देश दिए गए।

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