WR hungary for Cargo: भरूच से मालदा टाउन के लिए रवाना हुई प्याज की पहली किसान स्पेशल
WR hungary for Cargo: पश्चिम रेलवे द्वारा ‘हंगरी फॉर कार्गो’ पहल के अंतर्गत सीमेंट और आयातित दालों का नया परिवहन किया गया हासिल
मुंबई, 20 अक्टूबरः WR hungary for Cargo: ‘हंगरी फॉर कार्गो’ के उद्देश्यों के समुचित क्रियान्वयन के क्रम में पश्चिम रेलवे द्वारा शुरू किए गए विभिन्न प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं और इसके परिणामस्वरूप एक और उल्लेखनीय सफलता मिली है। मुंबई मंडल की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट ने नरदाना से सीमेंट और उधना से आयातित दालों के परिवहन को प्राप्त करने में सफलता पायी है।
पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल के दूरदर्शी नेतृत्व, सक्षम मार्गदर्शन और ऊर्जावान प्रेरणा के फलस्वरूप यह प्रमुख उपलब्धि संभव हुई है। इसी प्रेरणा के साथ आगे बढ़ते हुए पश्चिम रेलवे के वडोदरा मंडल ने भी अब स्थानीय किसानों के लाभ के लिए किसान रेल का संचालन शुरू कर दिया है, हाल ही में भरूच से मालदा टाउन, पश्चिम बंगाल तक प्याज की पहली किसान रेल का संचालन किया गया है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मुंबई मंडल की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट के निरंतर प्रयासों से, नरदाना में मैसर्स वंडर सीमेंट्स की ग्राइंडिंग इकाई ने 21 बीसीएन वैगनों में सीमेंट के अपने पहले बर्हिगामी रेक का लदान किया, जिसके द्वारा अहमदनगर तक परिवहन किया गया। निकट भविष्य में मुंबई पोर्ट के लिए मेसर्स वंडर सीमेंट से सीमेंट की मांग रखी जाएगी, जिससे 20 लाख रु. के राजस्व की प्राप्ति होगी।

इसी तरह उधना गुड्स शेड से इनलैंड कंटेनर डिपो, दादरी तक आयातित दालों का एक नया यातायात प्राप्त किया गया, जिसके अंतर्गत 42 बीसीएन वैगनों के रेक में लदान के द्वारा 40.3 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। ठाकुर ने यह भी बताया कि वडोदरा मंडल ने प्याज की पहली किसान रेल चलाई, जिसमें लगभग 228.11 टन प्याज था और जिससे 11.90 लाख रु. का राजस्व प्राप्त हुआ, जिसमें से 50 प्रतिशत अर्थात 5.83 लाख रु. की सब्सिडी प्रदान की गई।
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पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल ने पश्चिम रेलवे के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कामकाज में ‘दर्शन के सिद्धांतों’ को अपनाने का आह्वान किया है। इस दिशा में, ‘हंगरी फॉर कार्गो’ उन सिद्धांतों में से एक है, जिसका उद्देश्य ग्राहकों को उनके व्यवसायों के लिए अनुकूलित समाधान प्रदान करना है। पश्चिम रेलवे अपनी नीतियों और आक्रामक विपणन प्रयासों के माध्यम से परिवहन के लिए अपने दायरे में और अधिक नई वस्तुओं के लदान को जोड़ने के लिए संभावित ग्राहकों तक पहुंच रही है।
ठाकुर ने बताया कि 1 अप्रैल से 19 अक्टूबर, 2021 की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे ने अपनी 411 पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से 1.61 लाख टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं का परिवहन किया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाएं, चिकित्सा उपकरण, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इसके माध्यम से लगभग 56.94 करोड़ रु. राजस्व की प्राप्ति हुई।
पश्चिम रेलवे द्वारा 71 हजार टन से अधिक भार और वैगनों के 100% उपयोग के साथ 101 दूध स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। साथ ही, विभिन्न मंडलों से 24,600 टन से अधिक भार की वस्तुओं के परिवहन के लिए 96 किसान रेलें भी चलाई गई हैं। इसी तरह, 117 कोविड-19 स्पेशल पार्सल ट्रेनें लगभग 23,000 टन आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गई। इसके अलावा, 96 इंडेंटेड रेक भी 100% उपयोग के साथ चलाए गए, जिनमें लगभग 42,800 टन वस्तुओं का परिवहन किया गया।
ठाकुर ने यह भी बताया कि 1 अप्रैल से 19 अक्टूबर, 2021 तक की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा मालगाड़ियों के कुल 21,130 रेक चलाये गये और पिछले वर्ष की इसी अवधि में हुई 39.67 मिलियन टन की तुलना में इस वर्ष 46.09 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई की गई है।
44,281 मालगाड़ियों को अन्य क्षेत्रीय रेलवे के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें से 22,163 ट्रेनों को हैंडओवर किया गया और 22,118 ट्रेनों को विभिन्न इंटरचेंज बिंदुओं पर टेकओवर किया गया। यह भी उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के कारण प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद पश्चिम रेलवे द्वारा देश भर में अत्यावश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को जारी रखने के लिए गुड्स एवं पार्सल विशेष ट्रेनों के साथ-साथ किसान रेल का परिचालन निरंतर किया जा रहा है।