Steam Engine Exhibition: पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक द्वारा स्टीम इंजन की विरासत को दर्शाती प्रदर्शनी का उद्घाटन
Steam Engine Exhibition: प्रदर्शनी में उत्कृष्ट चित्रों के माध्यम से 25 आइकॉनिक भारतीय स्टीम इंजनों की एक श्रृंखला को प्रदर्शित किया गया
मुंबई, 11 सितंबरः Steam Engine Exhibition: पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्र ने 11 सितंबर को जहांगीर आर्ट गैलरी, मुंबई में एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में उत्कृष्ट चित्रों के माध्यम से 25 आइकॉनिक भारतीय स्टीम इंजनों की एक श्रृंखला को प्रदर्शित किया गया, जिसमें भारतीय स्टीम इंजनों के सार और भव्यता को कलाकार किशोर प्रतिम बिस्वास द्वारा खूबसूरती से दर्शाया गया है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, कलाकार किशोर प्रतिम बिस्वास की इस नवीनतम कला श्रृंखला को “भारतीय स्टीम लोकोमोटिव पेंटिंग की पुरानी यादें” नाम दिया गया है। जहां प्रत्येक पेंटिंग स्टीम इंजनों के आकर्षक युग को दर्शाती है और साथ ही पुरानी यादें भी ताज़ा करती है, जो भारतीय रेल के समृद्ध इतिहास को सम्मानित करती है।
महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्र ने प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि, स्टीम इंजन बीते युग की स्मृति बन गए हैं और इन दिनों अधिकांश इंजन बिजली या डीजल से चालित हैं। भारतीय रेल आने वाले दिनों में बुलेट ट्रेन भी इंट्रोड्यूस करने वाली है।
मिश्र ने स्टीम इंजन युग की यादों को कैनवास पर उकेरने के लिए बिश्वास के कौशल की प्रशंसा की। पेंटिंग की प्रशंसा करते हुए मिश्र ने कहा कि बिश्वास ने इंजनों से निकलने वाली भाप, यहां तक कि लोकोमोटिव स्टाफ, उनके चेहरे और विशेषताओं को बहुत ही खूबसूरती से चित्रित किया है। महाप्रबंधक मिश्र ने स्कूलों से अनुरोध किया कि वे स्टीम इंजन की विरासत का अनुभव करने के लिए विद्यार्थियों को इस उत्कृष्ट प्रदर्शनी को देखने के लिए भेजें।
ठाकुर ने बताया कि लोकोमोटिव के प्रति बिस्वास का प्यार और जुनून उनके बचपन से ही था, जहां वे लोकोमोटिव को गुजरते हुए देखकर बड़े हुए। बिस्वास की समकालीन कला क्षेत्र में 35 वर्षों की प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज है, जहां उन्होंने अपने लिए एक विशिष्ट स्थान बनाया है। कोलकाता में जन्मे बिस्वास प्रसिद्ध कॉलेज ऑफ आर्ट एंड क्राफ्ट, कोलकाता के पूर्व छात्र रहे हैं।
भारत में प्रमुख समकालीन कलाकारों में अपनी विशेष पहचान बनाने वाले बिस्वास के विविध पोर्टफोलियो में तेल, जल रंग और ऐक्रेलिक कार्य शामिल हैं, जिन्होंने देश भर में कई प्रदर्शनियों की शोभा बढ़ाई है। बिस्वास अपने चित्रों के माध्यम से पुरानी और युवा दोनों पीढ़ियों को इंगेज करते हैं, जिनके पास इन लोकोमोटिव की प्रत्यक्ष यादें हैं और जो उन्हें केवल पाठ्यपुस्तकों के माध्यम से जानते हैं।
ऐसे कलात्मक प्रयास न केवल इतिहास को संरक्षित करेंगे, बल्कि वे हमारी दुनिया को आकार देने में इन इंजनों के कालातीत महत्व का जश्न मनाते हुए युगों के बीच एक गतिशील संवाद बनाएंगे। कला के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि स्टीम इंजनों की विरासत समय की सीमाओं को पार कर हर देखने वाले में विस्मय और आश्चर्य को प्रेरित करती रहे। सोलो शो 11 से 17 सितंबर तक जहांगीर आर्ट गैलरी, मुंबई में आयोजित किया जा रहा है।
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