freedom has no value: स्वतंत्रता का कोई मोल नहीं: गिरीश्वर मिश्र
भारत की राष्ट्रीय चेतना को लेकर अक्सर यह विचार सुनने में आता है कि इसका विकास अंग्रेजों द्वारा भारत में लाई गई अंग्रेजी शिक्षा की देन है. यह कहते हुए … Read More
भारत की राष्ट्रीय चेतना को लेकर अक्सर यह विचार सुनने में आता है कि इसका विकास अंग्रेजों द्वारा भारत में लाई गई अंग्रेजी शिक्षा की देन है. यह कहते हुए … Read More
Hindi Diwas: हिन्दी दिवस-१४ सितम्बर भारत की आत्मा भारत की भाषाओं में बसती है. भारतीय चिंतन की निरंतरता तिरुवल्लूर, नामदेव, शंकरदेव, तुलसीदास सबमें मिलती है. कहते हैं कि जब अंग्रेज … Read More
इस तरह शिक्षा- कार्य की परिधि का निर्धारण गुरु जनों के विवेक द्वारा होता था जिन्हें परम्परा और समकालीन परिस्थिति दोनों का ज्ञान होता था . वे शिक्षा देते हुए … Read More
यानी भाषा मूर्त और अमूर्त के भेद को पाटती है और हमारे अस्तित्व को विस्तृत करती है. आँख की तरह भाषा हमें एक नया जगत दृश्यमान उपलब्ध कराती है. इसके … Read More
महात्मा गांधी के रचनात्मक कार्यक्रम में समाज के बहुमुखी और समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्धता थी ताकि विदेशी शासन की लूट और मानसिक गुलामी से पार पाया जा सके और … Read More
~~जन्म जयंती पर विशेष~~ Munshi Premchand: बनारस के लमही गाँव में पैदा हुए , पले बढे धनपत राय का लेखक प्रेमचंद में रूपांतरण भारतीय साहित्य जगत की एक विशिष्ट उपलब्धि … Read More
Guru Purnima: निर्गुण संत परम्परा के काव्य में गुरु की महिमा पर विशेष ध्यान दिया गया है और शिष्य या साधक के उन्नयन में उसकी भूमिका को बड़े आदर से … Read More
भारत में सिनेमा के सवा सौ साल होने के अवसर पर भारत में सिनेमा की यात्रा के पड़ाव Indian cineam: आज सिनेमा ज्ञान, चेतना और सामाजिक जागरूकता, मूल्य बोध, परवरिश … Read More
कबीर जयन्ती (Kabir Jayanti) Kabir Jayanti: आज जब सत्य और अस्तित्व के प्रश्न नित्य नए-नए विमर्शों में उलझते जा रहे हैं और जीवन की परिस्थितियाँ विषम होती जा रही हैं … Read More
इस संयोग से मुक्ति पाना आवश्यक है. प्रकृति में गुणों की प्रधानता से गुणों के बीच द्वंद्व होता है. यह अविद्या से उपजता है और मनुष्य को दुःख की अनुभूति … Read More